8.भारत और इसके पड़ोसी देशों के तुलनात्मक विकास अनुभव
1. क्षेत्रीय और आर्थिक समूहों के बनने के कारण दीजिए।
उत्तर-सभी राष्ट्र अपनी अर्थव्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए अनेक प्रकार के क्षेत्रीय और वैश्विक समूहों का निर्माण करते रहे हैं जैसे कि सार्क, यूरोपियन संघ, ब्रिक्स, आसियान, जी-8, जी- 20 ब्रिक्स आदि विभिन्न राष्ट्र इस बात के लिए उत्सुक रहे हैं कि वे अपने पड़ोसी राष्ट्रों द्वारा अपनाई गई विकासात्मक प्रक्रियाओं को समझने की कोशिश करें। इससे उन्हें अपने पड़ोसी देशों की शक्तियों एवं कमजोरियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। इसे विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए आवश्यक समझा गया, क्योंकि वे अपेक्षाकृत सीमित स्थान में न केवल विकसित देशों द्वारा प्रतिस्पर्धा कर रहे थे, बल्कि आपसी प्रतिस्पर्धा का भी |
2. वे विभिन्न साधन कौन से हैं जिनकी सहायता से देश अपनी घरेलू व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने का प्रयत्न कर रहे हैं?
उत्तर- वे विभिन्न साधन निम्नलिखित हैं जिनकी सहायता से देश अपनी घरेलू व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने का प्रयत्न कर रहे हैं:
• सभी राष्ट्र अपनी अर्थव्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए अनेक प्रकार के क्षेत्रीय और वैश्विक समूहों का निर्माण करते रहे हैं। जैसे कि सार्क, यूरोपियन संघ, ब्रिक्स, आसियान, जी- 8, जी- 20 ब्रिक्स आदि |
• वे अपने पड़ोसी राष्ट्रों द्वारा अपनाई गई विकासात्मक प्रक्रियाओं को समझने की कोशिश करें ताकि उन्हें अपने पड़ोसी देशों की . शक्तियों एवं कमजोरियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी |
• राष्ट्रों ने आर्थिक गतिविधियों में सरकारी हस्तक्षेप को कम करके अपनी अर्थव्यवस्थाओं को उदारीकरण करने का भी सहारा लिया है। अर्थव्यवस्था को बाजार की शक्तियों से नियंत्रित किया जाता है, जो अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं।
• राष्ट्र अपने घरेलू उत्पादकों को व्यापक अंतरराष्ट्रीय बाजार प्रदान करने के लिए अपनी अर्थव्यवस्थाएं खोलने के लिए वैश्वीकरण . की प्रक्रिया का भी सहारा लेती हैं।
3. वे समान विकासात्मक नीतियाँ कौन-सी हैं जिनका कि भारत और पकिस्तान ने अपने-अपने विकासात्मक पथ के लिए पालन किया है?
उत्तर- भारत और पकिस्तान ने निम्नलिखित समान विकासात्मक नीतियों का पालन किया है।
• भारत और पाकिस्तान दोनों ने 1947 में अपनी आजादी के तुरंत बाद आर्थिक योजना के आधार पर विकास कार्यक्रम शुरू कर दिया है।
• विकास और विकास की प्रक्रिया शुरू करने के लिए दोनों देश सार्वजनिक क्षेत्र पर भरोसा करते हैं।
• दोनों देशों ने सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रकों के सह-अस्तित्व वाली मिश्रित अर्थव्यवस्था मॉडल का अनुसरण किया है।
• दोनों ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए एक ही समय आर्थिक सुधारों की शुरुआत की।
4. 1958 में प्रारंभ की गई चीन के ग्रेट लीप फॉरवर्ड अभियान की व्याख्या कीजिए|
उत्तर- 1998 में 'ग्रेट लीप फॉरवर्ड' अभियान शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर देश का औद्योगीकरण करना था। लोगों को अपने घर के पिछवाड़े में उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में कम्यून प्रारंभ किये गए | कम्यून पद्धति के अंतर्गत लोग सामूहिक रूप से खेती करते थे। 1958 में 26,000 'कम्यून' थे जिनमें प्रायः समस्त कृषक शामिल थे |
5. चीन की तीव्र औद्योगिक सवृद्धि 1978 में उसके सुधारों के आधार पर हुई थी। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? स्पष्ट
कीजिए|
उत्तर- हाँ, चीन की तीव्र औद्योगिक संवृद्धि 1978 में उसके सुधारों के आधार पर हुई थी। चीन में सुधार चरणों में शुरू किया गया | प्रारंभिक चरण में कृषि, विदेशी व्यापार तथा निवेश क्षेत्रकों में सुधार किये गये। उदाहरण के लिए, कृषि क्षेत्रक में कम्यून भूमि को छोटे-छोटे भूखंडों में बाँट दिया गया जिन्हें अलग-अलग परिवारों को आवंटित किया गया। वे प्रकल्पित कर देने के बाद भूमि से होने वाली समस्त आय को अपने पास रख सकते थे। बाद के चरण में औद्योगिक क्षेत्र में सुधार आरंभ किये गये | सामान्य, नगरीय तथा ग्रामीण उद्यमों को निजी क्षेत्रक को उन फर्मों को वस्तुएँ उत्पादित करने को अनुमति थी, जो स्थानीय लोगों के स्वामित्व और संचालन के अधीन थे। इस अवस्था में उद्यमों को जिन पर सरकार का स्वामित्व था, और जिन्हें हम भारत में सार्वजनिक क्षेत्रक के उद्यम कहते हैं. उनकी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। सुधार प्रक्रिया में दोहरी कीमत निर्धारण पद्धति लागू थी। इसका अर्थ यह है कि कीमत का निर्धारण दो प्रकार से किया जाता था। किसानों और औद्योगिक इकाइयों से यह अपेक्षा की जाती थी कि वे सरकार द्वारा निर्धारित की गई कीमतों के आधार पर आगतों एवं निर्गतों की निर्धारित मात्राएँ खरीदेंगे और बेचेंगे और शेष वस्तुएँ बाजार कीमतों पर खरीदी और बेची जाती थी। गत वर्षों के दौरान उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ बाजार में बेची और खरीदी गई वस्तुओं या आगतों के अनुमान में भी वृद्धि हुई। विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित किये गये| इसलिए, चीन में तेजी से औद्योगिक विकास इसके आर्थिक सुधारों के विभिन्न चरणों की सफलता के कारण है।
6. पाकिस्तान द्वारा अपने आर्थिक विकास के लिए किए गए विकासात्मक पहलों का उल्लेख कीजिए |
उत्तर- पाकिस्तान द्वारा अपने आर्थिक विकास के लिए निम्नलिखित विकासात्मक पहल किए गए:
• पाकिस्तान में सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रकों वाली मिश्रित अर्थव्यवस्था मॉडल का अनुसरण किया जाता है।
• 1950 और 1960 के दशकों के अंत में पाकिस्तान के अनेक प्रकार की नियंत्रित नीतियों का प्रारूप लागू किया गया (उद्योगो पर आधारित आयात प्रतिस्थापन)|
• उक्त नीति में उपभोक्ता वस्तुओं के विनिर्माण के लिए प्रशुल्क संरक्षण करना तथा प्रतिस्पर्धी आयातों पर प्रत्यक्ष आयात नियंत्रण करना शामिल था।
• हरित क्रांति के आने से यंत्रीकरण का युग शुरू हुआ और चुनिन्दा क्षेत्रों की आधारिक संरचना में सरकारी निवेशों में वृद्धि हुई। जिसके फलस्वरूप ख्द्यान्नों के उत्पादन में भी अंततोगत्वा वृद्धि हुई ।
जिसके फलस्वरूप ख्द्यान्नों के उत्पादन में भी अंततोगत्वा वृद्धि हुई।
• 1970 के दशक में पूँजीगत वस्तुओं के उद्योगों का राष्ट्रीयकरण हुआ।
• पाकिस्तान ने 1970 और 1980 के दशकों के अंत में अपनी नीति उस समय बदल दी, जब अ-राष्ट्रीयकरण पर जोर दिया जा रहा था और निजी क्षेत्रक को प्रोत्साहित किया जा रहा था।
• इस अवधि के दौरान पाकिस्तान को पश्चिमी राष्ट्रों से भी वित्तीय सहायता प्राप्त हुई और मध्य-पूर्व देशों को जाने वाले प्रवासियों से निरंतर पैसा मिला |
• इन सब के कारण नए निवेशों के लिए अनुकूल वातावरण बना। 1988 में देश के सुधार शुरू किये गए |
7. चीन में 'एक संतान नीति' का महत्वपूर्ण निहितार्थ क्या है?
उत्तर-चीन में एक सतान नीति' का महत्वपूर्ण निहितार्थ जनसंख्या की कम वृद्धि है। इसके कारण लिंगानुपात (प्रत्येक एक हजार पुरूषों में महिलाओं का अनुपात) में गिरावट आई। कुछ दशकों के बाद चीन में वयोवृद्ध लोगों की जनसंख्या का अनुपा लोगों की अपेक्षा अधिक होगा। इसके कारण, चीन को प्रत्येक दंपत्ति को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति देनी पड़ी।
8. चीन, पाकिस्तान और भारत के मुख्य जनांकिकीय संकेतकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-सभी राष्ट्र अपनी अर्थव्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए अनेक प्रकार के क्षेत्रीय और वैश्विक समूहों का निर्माण करते रहे हैं जैसे कि सार्क, यूरोपियन संघ, ब्रिक्स, आसियान, जी-8, जी- 20 ब्रिक्स आदि विभिन्न राष्ट्र इस बात के लिए उत्सुक रहे हैं कि वे अपने पड़ोसी राष्ट्रों द्वारा अपनाई गई विकासात्मक प्रक्रियाओं को समझने की कोशिश करें। इससे उन्हें अपने पड़ोसी देशों की शक्तियों एवं कमजोरियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। इसे विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए आवश्यक समझा गया, क्योंकि वे अपेक्षाकृत सीमित स्थान में न केवल विकसित देशों द्वारा प्रतिस्पर्धा कर रहे थे, बल्कि आपसी प्रतिस्पर्धा का भी |
2. वे विभिन्न साधन कौन से हैं जिनकी सहायता से देश अपनी घरेलू व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने का प्रयत्न कर रहे हैं?
उत्तर- वे विभिन्न साधन निम्नलिखित हैं जिनकी सहायता से देश अपनी घरेलू व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने का प्रयत्न कर रहे हैं:
• सभी राष्ट्र अपनी अर्थव्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए अनेक प्रकार के क्षेत्रीय और वैश्विक समूहों का निर्माण करते रहे हैं। जैसे कि सार्क, यूरोपियन संघ, ब्रिक्स, आसियान, जी- 8, जी- 20 ब्रिक्स आदि |
• वे अपने पड़ोसी राष्ट्रों द्वारा अपनाई गई विकासात्मक प्रक्रियाओं को समझने की कोशिश करें ताकि उन्हें अपने पड़ोसी देशों की . शक्तियों एवं कमजोरियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी |
• राष्ट्रों ने आर्थिक गतिविधियों में सरकारी हस्तक्षेप को कम करके अपनी अर्थव्यवस्थाओं को उदारीकरण करने का भी सहारा लिया है। अर्थव्यवस्था को बाजार की शक्तियों से नियंत्रित किया जाता है, जो अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं।
• राष्ट्र अपने घरेलू उत्पादकों को व्यापक अंतरराष्ट्रीय बाजार प्रदान करने के लिए अपनी अर्थव्यवस्थाएं खोलने के लिए वैश्वीकरण . की प्रक्रिया का भी सहारा लेती हैं।
3. वे समान विकासात्मक नीतियाँ कौन-सी हैं जिनका कि भारत और पकिस्तान ने अपने-अपने विकासात्मक पथ के लिए पालन किया है?
उत्तर- भारत और पकिस्तान ने निम्नलिखित समान विकासात्मक नीतियों का पालन किया है।
• भारत और पाकिस्तान दोनों ने 1947 में अपनी आजादी के तुरंत बाद आर्थिक योजना के आधार पर विकास कार्यक्रम शुरू कर दिया है।
• विकास और विकास की प्रक्रिया शुरू करने के लिए दोनों देश सार्वजनिक क्षेत्र पर भरोसा करते हैं।
• दोनों देशों ने सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रकों के सह-अस्तित्व वाली मिश्रित अर्थव्यवस्था मॉडल का अनुसरण किया है।
• दोनों ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए एक ही समय आर्थिक सुधारों की शुरुआत की।
4. 1958 में प्रारंभ की गई चीन के ग्रेट लीप फॉरवर्ड अभियान की व्याख्या कीजिए|
उत्तर- 1998 में 'ग्रेट लीप फॉरवर्ड' अभियान शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर देश का औद्योगीकरण करना था। लोगों को अपने घर के पिछवाड़े में उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में कम्यून प्रारंभ किये गए | कम्यून पद्धति के अंतर्गत लोग सामूहिक रूप से खेती करते थे। 1958 में 26,000 'कम्यून' थे जिनमें प्रायः समस्त कृषक शामिल थे |
5. चीन की तीव्र औद्योगिक सवृद्धि 1978 में उसके सुधारों के आधार पर हुई थी। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? स्पष्ट
कीजिए|
उत्तर- हाँ, चीन की तीव्र औद्योगिक संवृद्धि 1978 में उसके सुधारों के आधार पर हुई थी। चीन में सुधार चरणों में शुरू किया गया | प्रारंभिक चरण में कृषि, विदेशी व्यापार तथा निवेश क्षेत्रकों में सुधार किये गये। उदाहरण के लिए, कृषि क्षेत्रक में कम्यून भूमि को छोटे-छोटे भूखंडों में बाँट दिया गया जिन्हें अलग-अलग परिवारों को आवंटित किया गया। वे प्रकल्पित कर देने के बाद भूमि से होने वाली समस्त आय को अपने पास रख सकते थे। बाद के चरण में औद्योगिक क्षेत्र में सुधार आरंभ किये गये | सामान्य, नगरीय तथा ग्रामीण उद्यमों को निजी क्षेत्रक को उन फर्मों को वस्तुएँ उत्पादित करने को अनुमति थी, जो स्थानीय लोगों के स्वामित्व और संचालन के अधीन थे। इस अवस्था में उद्यमों को जिन पर सरकार का स्वामित्व था, और जिन्हें हम भारत में सार्वजनिक क्षेत्रक के उद्यम कहते हैं. उनकी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। सुधार प्रक्रिया में दोहरी कीमत निर्धारण पद्धति लागू थी। इसका अर्थ यह है कि कीमत का निर्धारण दो प्रकार से किया जाता था। किसानों और औद्योगिक इकाइयों से यह अपेक्षा की जाती थी कि वे सरकार द्वारा निर्धारित की गई कीमतों के आधार पर आगतों एवं निर्गतों की निर्धारित मात्राएँ खरीदेंगे और बेचेंगे और शेष वस्तुएँ बाजार कीमतों पर खरीदी और बेची जाती थी। गत वर्षों के दौरान उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ बाजार में बेची और खरीदी गई वस्तुओं या आगतों के अनुमान में भी वृद्धि हुई। विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित किये गये| इसलिए, चीन में तेजी से औद्योगिक विकास इसके आर्थिक सुधारों के विभिन्न चरणों की सफलता के कारण है।
6. पाकिस्तान द्वारा अपने आर्थिक विकास के लिए किए गए विकासात्मक पहलों का उल्लेख कीजिए |
उत्तर- पाकिस्तान द्वारा अपने आर्थिक विकास के लिए निम्नलिखित विकासात्मक पहल किए गए:
• पाकिस्तान में सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रकों वाली मिश्रित अर्थव्यवस्था मॉडल का अनुसरण किया जाता है।
• 1950 और 1960 के दशकों के अंत में पाकिस्तान के अनेक प्रकार की नियंत्रित नीतियों का प्रारूप लागू किया गया (उद्योगो पर आधारित आयात प्रतिस्थापन)|
• उक्त नीति में उपभोक्ता वस्तुओं के विनिर्माण के लिए प्रशुल्क संरक्षण करना तथा प्रतिस्पर्धी आयातों पर प्रत्यक्ष आयात नियंत्रण करना शामिल था।
• हरित क्रांति के आने से यंत्रीकरण का युग शुरू हुआ और चुनिन्दा क्षेत्रों की आधारिक संरचना में सरकारी निवेशों में वृद्धि हुई। जिसके फलस्वरूप ख्द्यान्नों के उत्पादन में भी अंततोगत्वा वृद्धि हुई ।
जिसके फलस्वरूप ख्द्यान्नों के उत्पादन में भी अंततोगत्वा वृद्धि हुई।
• 1970 के दशक में पूँजीगत वस्तुओं के उद्योगों का राष्ट्रीयकरण हुआ।
• पाकिस्तान ने 1970 और 1980 के दशकों के अंत में अपनी नीति उस समय बदल दी, जब अ-राष्ट्रीयकरण पर जोर दिया जा रहा था और निजी क्षेत्रक को प्रोत्साहित किया जा रहा था।
• इस अवधि के दौरान पाकिस्तान को पश्चिमी राष्ट्रों से भी वित्तीय सहायता प्राप्त हुई और मध्य-पूर्व देशों को जाने वाले प्रवासियों से निरंतर पैसा मिला |
• इन सब के कारण नए निवेशों के लिए अनुकूल वातावरण बना। 1988 में देश के सुधार शुरू किये गए |
7. चीन में 'एक संतान नीति' का महत्वपूर्ण निहितार्थ क्या है?
उत्तर-चीन में एक सतान नीति' का महत्वपूर्ण निहितार्थ जनसंख्या की कम वृद्धि है। इसके कारण लिंगानुपात (प्रत्येक एक हजार पुरूषों में महिलाओं का अनुपात) में गिरावट आई। कुछ दशकों के बाद चीन में वयोवृद्ध लोगों की जनसंख्या का अनुपा लोगों की अपेक्षा अधिक होगा। इसके कारण, चीन को प्रत्येक दंपत्ति को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति देनी पड़ी।
8. चीन, पाकिस्तान और भारत के मुख्य जनांकिकीय संकेतकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर - दिए गए आंकड़ों से यह पता चलता है:
• चीन की जनसंख्या सबसे अधिक है जिसके बाद भारत का स्थान आता है। पकिस्तान की जनसंख्या बहुत कम है और वह चीन . या भारत की जनसंख्या का लगभग दसवाँ भाग है।
• इन तीनों देश में चीन सबसे बड़ा राष्ट्र है तथापि इसका जनसंख्या का घनत्व सबसे कम है और भौगोलिक रूप से इसका क्षेत्र सबसे बड़ा है।
• पाकिस्तान में जनसंख्या की वृद्धि सबसे अधिक है, उसके बाद भारत और चीन का स्थान है। चीन में जनसंख्या की कम वृद्धि का कारण उसके द्वारा अपनाई गई एक संतान नीति' है।
• तीनों देशों में लिंगानुपात कम और पक्षपातपूर्ण है।
चीन में प्रजनन दर भी बहुत कम है तथा पाकिस्तान में बहुत अधिक है।
चीन में पकिस्तान और भारत की तुलना में नगरीकरण अधिक है। भारत में नगरीय क्षेत्रों में 33 प्रतिशत लोग ही रहते हैं।
9. 2003 के सकल घरेलू उत्पाद में भारत और चीन के क्षेत्रीय योगदान का तुलनात्मक अंतर करें। इससे क्या संकेत मिलता है?
उत्तर- 2003 में भारत और चीन के सकल घरेलू उत्पाद के क्षेत्रीय योगदान के उपरोक्त आंकड़ों के मुताबिक चीन के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान 15% था, जबकि भारत का 23% था। दूसरी ओर, चीन में विनिर्माण क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद में 53 प्रतिशत योगदान है जो कि सबसे अधिक है तथा भारत में सेवा क्षेत्र का योगदान 51 प्रतिशत है।
आर्थिक विकास के प्रक्रिया में उत्पादन और रोजगार में क्षेत्रकवार हिस्सेदारी में वृहत्त परिवर्तन हुआ है। कुल उत्पादन और रोजगार में प्राथमिक क्षेत्र का प्रतिशत योगदान घटता जाता है, जबकि द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के योगदान में वृद्धि होती है। यह इस बात का संकेत है कि दोनों अर्थव्यवस्थाएं विकसित हो रही है। चीन का अनुभव विश्व के अन्य विकसित देशों के समान है। विकसित देशों के अनुभव से पता चलता है कि तृतीयक क्षेत्र के बाद द्वितीयक क्षेत्र अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों के रूप में उभर रहे हैं| चीन की तुलना में, भारत में प्राथमिक क्षेत्र से लेकर तृतीयक क्षेत्र तक प्रत्यक्ष परिवर्तन हुआ है। यह विश्व के अन्य बाजार अर्थव्यवस्थाओं के साथ इन दो अर्थव्यवस्थाओं के तेजी से एकीकरण के कारण हैं।
10. मानव विकास के विभिन्न संकेतकों का उल्लेख कीजिए |
उत्तर- मानव विकास के विभिन्न संकेतक निम्नलिखित है:
जीवन प्रत्याशा
• व्यस्क साक्षरता दर
. शिशु मृत्यु दर
• गरीबी रेखा के नीचे जनसंख्या का प्रतिशत।
• प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद |
• बेहतर स्वच्छता का उपयोग कर रहे जनसंख्या का प्रतिशत |
• बेहतर जल स्रोतों का उपयोग कर रहे जनसंख्या का प्रतिशत |
11. स्वतंत्रता संकेतक की परिभाषा दीजिए स्वतंत्रता संकेतकों के कुछ उदाहरण दीजिए|
उत्तर- ऐसे संकेतक जो किसी देश में व्यक्तियों की सामाजिक व राजनितिक निर्णय प्रक्रिया में लोकतान्त्रिक भागीदारी का प्रतिनिधित्व करते हैं, स्वतंत्रता संकेतक कहलाते हैं। जैसे, नागरिक अधिकारों की संवैधानिक संरक्षण की सीमा, न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए संवैधानिक संरक्षण देने की संवैधानिक सीमा |
12. उन विभिन्न कारकों का मूल्यांकन कीजिए जिनके आधार पर चीन में आर्थिक विकास में तीव्र वृद्धि तीव्र आर्थिक विकास) हुई।
उत्तर- जिनके आधार पर चीन में आर्थिक विकास में तीव्र वृद्धि हुई वे कारक निम्नलिखित है:
• चीन को संरचनात्मक सुधारों को प्रारंभ करने के लिए विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष की कोई बाध्यता नहीं थी जैसी कि भारत और पकिस्तान को थी |
• शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में आधारिक संरचना की स्थापना किये जाने के फलस्वरूप भूमि सुधारों, दीर्घकालिक विकेंद्रीकृत योजनाओं और लघु उद्योगों से सुधारोत्तर अवधि में सामाजिक और आय संकेतकों में निश्चित रूप से सुधार हुआ था।
• कम्यून व्यवस्था के कारण खाद्यान्नों का अधिक समतापूर्ण वितरण था। .
• विकेंद्रीकृत शासन के प्रयोग के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक लागतों की सफलता या विफलता का आकलन किया . जा सका।
• जब छोटे-छोटे भूखंड कृषि के लिए व्यक्तियों को दिए गए तो बहुत बड़ी संख्या में लोग समृद्ध बन गए। फलस्वरूप, ग्रामीण . उद्योगों के अपूर्व विकास की स्थिति बनी और आगे और सुधारों के लिए मजबूत आधार बनाया गया।
13. भारत, चीन और पकिस्तान की अर्थव्यवस्थाओं से संबंधित विशेषताओं को तीन शीर्षकों के अंतर्गत समूहित कीजिए ||
एक संतान का नियम
निम्न प्रजनन दर
नगरीकरण का उच्च स्तर
मिश्रित अर्थव्यवस्था
अति उच्च प्रजनन दर
भारी जनसंख्या
जनसंख्या का अत्यधिक घनत्व
विनिर्माण क्षेत्रक के कारण संवृद्धि
सेवा क्षेत्रक के कारण सवृद्धि
उत्तर-भारत: मिश्रित अर्थव्यवस्था, अति उच्च प्रजनन दर भारी जनसंख्या, जनसंख्या का अत्यधिक घनत्व, सेवा क्षेत्रक के कारण संवृद्धि।
चीन: एक संतान का नियम, निम्न प्रजनन दर नगरीकरण का उच्च स्तर, मिश्रित अर्थव्यवस्था, भारी जनसंख्या, विनिर्माण क्षेत्रक के कारण संवृद्धि
15. कुछ विशेष मानव विकास संकेतकों के सन्दर्भ में भारत, चीन और पाकिस्तान के विकास की तुलना कीजिए और उसका वैषम्य बताइए
उत्तर-चीन मानव विकास संकेतक के सन्दर्भ में भारत और पाकिस्तान से आगे है। चीन 81वें भारत 128 वें और पाकिस्तान 136वें स्थान पर है। चीन की उच्च रैंकिंग प्रति व्यक्ति उच्च सकल प्रति उत्पाद के कारण है। चीन में एक संतान नीति के कारण सकल घरेलू उत्पाद में लगातार वृद्धि हुई। परिणामस्वरूप, चीन मानव विकास संकेतक की रैंकिंग में भारत और पकिस्तान की तुलना में उच्च स्थान पर था। गरीबी रेखा से नीचे के लोगों की कम संख्या और बेहतर स्वच्छता और पीने के पानी को उपलब्ध कराने के मामले में पाकिस्तान भारत से आगे है। लेकिन, शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर के मामले में दोनों देशों का प्रदर्शन बुरा है। तीनों देशों की स्थिति लिंग अनुपात में ठीक नहीं है |
16. पिछले दो दशकों में चीन और भारत में देखी गई संवृद्धि दर की प्रवृत्तियों पर टिप्पणी दीजिए।
उत्तर- लोकतान्त्रिक संस्थाओं सहित भारत का निष्पादन साधारण रहा है। अधिकतर लोग आज भी कृषि पर निर्भर है। भारत के अनेक भागों आधारिक संरचना का अभाव है। भारत में निर्धनता रेखा से नीचे रहने वाले एक चौथाई से भी अधिक जनसंख्या का रहन- सहन के स्तर को ऊपर उठाने की आवश्यकता है। चीन में, राजनीतिक स्वतंत्रता का अभाव तथा मानव अधिकारी पर उसके निहितार्थ चिंता के मूल विषय हैं। फिर भी, अंतिम तीन दशकों में से इसने अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धत्ता को खोये बिना, बाजार
व्यवस्था का प्रयोग किया तथा निर्धनता निवारण के साथ-साथ संवृद्धि के स्तर को बढ़ाने में सफल रहा है। आप यह भी देखेंगे कि भारत और पाकिस्तान में जहाँ सार्वजनिक क्षेत्रक के उपक्रमों के निजीकरण का प्रयास हो रहा है, वहाँ चीन ने बाजार व्यवस्था का उपयोग अतिरिक्त सामाजिक-आर्थिक सुअवसरों के सर्जन के लिए किया है। सामुदायिक भू-स्वामित्व को कायम रखते हुए और लोगों को भूमि पर कृषि की अनुमति देकर चीन ने ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक असुरक्षा सुनिश्चित कर दी है। चीन में सुधारों से पूर्व ही सामाजिक आधारिक संरचना उपलब्ध कराने में सरकारी हस्तक्षेप द्वारा मानब विकास संकेतकों में सकारात्मक परिणाम हुए हैं।
17. निम्नलिखित रिक्त स्थानों को भरिए
(क) 1956 में..........की प्रथम पंचवर्षीय योजना शुरू की गई थी। (पाकिस्तान / चीन)
(ख) मातृमृत्यु दर .......... में अधिक है | ( चीन / पकिस्तान)
(ग) निर्धनता रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का अनुपात ...... में अधिक है| (भारत/पाकिस्तान)
(घ) में आर्थिक सुधार 1978 में शुरू किए गए थे। चीन पाकिस्तान)
उत्तर
(क) 1956 में पकिस्तान की प्रथम पंचवर्षीय योजना शुरू की गई थी।
(ख) मातृमृत्यु दर पकिस्तान में अधिक है।
(ग) निर्धनता रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का अनुपात भारत में अधिक है।
(घ) 1978 में आर्थिक सुधार 1978 में शुरू किए गए थे।
• चीन की जनसंख्या सबसे अधिक है जिसके बाद भारत का स्थान आता है। पकिस्तान की जनसंख्या बहुत कम है और वह चीन . या भारत की जनसंख्या का लगभग दसवाँ भाग है।
• इन तीनों देश में चीन सबसे बड़ा राष्ट्र है तथापि इसका जनसंख्या का घनत्व सबसे कम है और भौगोलिक रूप से इसका क्षेत्र सबसे बड़ा है।
• पाकिस्तान में जनसंख्या की वृद्धि सबसे अधिक है, उसके बाद भारत और चीन का स्थान है। चीन में जनसंख्या की कम वृद्धि का कारण उसके द्वारा अपनाई गई एक संतान नीति' है।
• तीनों देशों में लिंगानुपात कम और पक्षपातपूर्ण है।
चीन में प्रजनन दर भी बहुत कम है तथा पाकिस्तान में बहुत अधिक है।
चीन में पकिस्तान और भारत की तुलना में नगरीकरण अधिक है। भारत में नगरीय क्षेत्रों में 33 प्रतिशत लोग ही रहते हैं।
9. 2003 के सकल घरेलू उत्पाद में भारत और चीन के क्षेत्रीय योगदान का तुलनात्मक अंतर करें। इससे क्या संकेत मिलता है?
उत्तर- 2003 में भारत और चीन के सकल घरेलू उत्पाद के क्षेत्रीय योगदान के उपरोक्त आंकड़ों के मुताबिक चीन के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान 15% था, जबकि भारत का 23% था। दूसरी ओर, चीन में विनिर्माण क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद में 53 प्रतिशत योगदान है जो कि सबसे अधिक है तथा भारत में सेवा क्षेत्र का योगदान 51 प्रतिशत है।
आर्थिक विकास के प्रक्रिया में उत्पादन और रोजगार में क्षेत्रकवार हिस्सेदारी में वृहत्त परिवर्तन हुआ है। कुल उत्पादन और रोजगार में प्राथमिक क्षेत्र का प्रतिशत योगदान घटता जाता है, जबकि द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के योगदान में वृद्धि होती है। यह इस बात का संकेत है कि दोनों अर्थव्यवस्थाएं विकसित हो रही है। चीन का अनुभव विश्व के अन्य विकसित देशों के समान है। विकसित देशों के अनुभव से पता चलता है कि तृतीयक क्षेत्र के बाद द्वितीयक क्षेत्र अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों के रूप में उभर रहे हैं| चीन की तुलना में, भारत में प्राथमिक क्षेत्र से लेकर तृतीयक क्षेत्र तक प्रत्यक्ष परिवर्तन हुआ है। यह विश्व के अन्य बाजार अर्थव्यवस्थाओं के साथ इन दो अर्थव्यवस्थाओं के तेजी से एकीकरण के कारण हैं।
10. मानव विकास के विभिन्न संकेतकों का उल्लेख कीजिए |
उत्तर- मानव विकास के विभिन्न संकेतक निम्नलिखित है:
जीवन प्रत्याशा
• व्यस्क साक्षरता दर
. शिशु मृत्यु दर
• गरीबी रेखा के नीचे जनसंख्या का प्रतिशत।
• प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद |
• बेहतर स्वच्छता का उपयोग कर रहे जनसंख्या का प्रतिशत |
• बेहतर जल स्रोतों का उपयोग कर रहे जनसंख्या का प्रतिशत |
11. स्वतंत्रता संकेतक की परिभाषा दीजिए स्वतंत्रता संकेतकों के कुछ उदाहरण दीजिए|
उत्तर- ऐसे संकेतक जो किसी देश में व्यक्तियों की सामाजिक व राजनितिक निर्णय प्रक्रिया में लोकतान्त्रिक भागीदारी का प्रतिनिधित्व करते हैं, स्वतंत्रता संकेतक कहलाते हैं। जैसे, नागरिक अधिकारों की संवैधानिक संरक्षण की सीमा, न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए संवैधानिक संरक्षण देने की संवैधानिक सीमा |
12. उन विभिन्न कारकों का मूल्यांकन कीजिए जिनके आधार पर चीन में आर्थिक विकास में तीव्र वृद्धि तीव्र आर्थिक विकास) हुई।
उत्तर- जिनके आधार पर चीन में आर्थिक विकास में तीव्र वृद्धि हुई वे कारक निम्नलिखित है:
• चीन को संरचनात्मक सुधारों को प्रारंभ करने के लिए विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष की कोई बाध्यता नहीं थी जैसी कि भारत और पकिस्तान को थी |
• शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में आधारिक संरचना की स्थापना किये जाने के फलस्वरूप भूमि सुधारों, दीर्घकालिक विकेंद्रीकृत योजनाओं और लघु उद्योगों से सुधारोत्तर अवधि में सामाजिक और आय संकेतकों में निश्चित रूप से सुधार हुआ था।
• कम्यून व्यवस्था के कारण खाद्यान्नों का अधिक समतापूर्ण वितरण था। .
• विकेंद्रीकृत शासन के प्रयोग के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक लागतों की सफलता या विफलता का आकलन किया . जा सका।
• जब छोटे-छोटे भूखंड कृषि के लिए व्यक्तियों को दिए गए तो बहुत बड़ी संख्या में लोग समृद्ध बन गए। फलस्वरूप, ग्रामीण . उद्योगों के अपूर्व विकास की स्थिति बनी और आगे और सुधारों के लिए मजबूत आधार बनाया गया।
13. भारत, चीन और पकिस्तान की अर्थव्यवस्थाओं से संबंधित विशेषताओं को तीन शीर्षकों के अंतर्गत समूहित कीजिए ||
एक संतान का नियम
निम्न प्रजनन दर
नगरीकरण का उच्च स्तर
मिश्रित अर्थव्यवस्था
अति उच्च प्रजनन दर
भारी जनसंख्या
जनसंख्या का अत्यधिक घनत्व
विनिर्माण क्षेत्रक के कारण संवृद्धि
सेवा क्षेत्रक के कारण सवृद्धि
उत्तर-भारत: मिश्रित अर्थव्यवस्था, अति उच्च प्रजनन दर भारी जनसंख्या, जनसंख्या का अत्यधिक घनत्व, सेवा क्षेत्रक के कारण संवृद्धि।
चीन: एक संतान का नियम, निम्न प्रजनन दर नगरीकरण का उच्च स्तर, मिश्रित अर्थव्यवस्था, भारी जनसंख्या, विनिर्माण क्षेत्रक के कारण संवृद्धि
15. कुछ विशेष मानव विकास संकेतकों के सन्दर्भ में भारत, चीन और पाकिस्तान के विकास की तुलना कीजिए और उसका वैषम्य बताइए
उत्तर-चीन मानव विकास संकेतक के सन्दर्भ में भारत और पाकिस्तान से आगे है। चीन 81वें भारत 128 वें और पाकिस्तान 136वें स्थान पर है। चीन की उच्च रैंकिंग प्रति व्यक्ति उच्च सकल प्रति उत्पाद के कारण है। चीन में एक संतान नीति के कारण सकल घरेलू उत्पाद में लगातार वृद्धि हुई। परिणामस्वरूप, चीन मानव विकास संकेतक की रैंकिंग में भारत और पकिस्तान की तुलना में उच्च स्थान पर था। गरीबी रेखा से नीचे के लोगों की कम संख्या और बेहतर स्वच्छता और पीने के पानी को उपलब्ध कराने के मामले में पाकिस्तान भारत से आगे है। लेकिन, शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर के मामले में दोनों देशों का प्रदर्शन बुरा है। तीनों देशों की स्थिति लिंग अनुपात में ठीक नहीं है |
16. पिछले दो दशकों में चीन और भारत में देखी गई संवृद्धि दर की प्रवृत्तियों पर टिप्पणी दीजिए।
उत्तर- लोकतान्त्रिक संस्थाओं सहित भारत का निष्पादन साधारण रहा है। अधिकतर लोग आज भी कृषि पर निर्भर है। भारत के अनेक भागों आधारिक संरचना का अभाव है। भारत में निर्धनता रेखा से नीचे रहने वाले एक चौथाई से भी अधिक जनसंख्या का रहन- सहन के स्तर को ऊपर उठाने की आवश्यकता है। चीन में, राजनीतिक स्वतंत्रता का अभाव तथा मानव अधिकारी पर उसके निहितार्थ चिंता के मूल विषय हैं। फिर भी, अंतिम तीन दशकों में से इसने अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धत्ता को खोये बिना, बाजार
व्यवस्था का प्रयोग किया तथा निर्धनता निवारण के साथ-साथ संवृद्धि के स्तर को बढ़ाने में सफल रहा है। आप यह भी देखेंगे कि भारत और पाकिस्तान में जहाँ सार्वजनिक क्षेत्रक के उपक्रमों के निजीकरण का प्रयास हो रहा है, वहाँ चीन ने बाजार व्यवस्था का उपयोग अतिरिक्त सामाजिक-आर्थिक सुअवसरों के सर्जन के लिए किया है। सामुदायिक भू-स्वामित्व को कायम रखते हुए और लोगों को भूमि पर कृषि की अनुमति देकर चीन ने ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक असुरक्षा सुनिश्चित कर दी है। चीन में सुधारों से पूर्व ही सामाजिक आधारिक संरचना उपलब्ध कराने में सरकारी हस्तक्षेप द्वारा मानब विकास संकेतकों में सकारात्मक परिणाम हुए हैं।
17. निम्नलिखित रिक्त स्थानों को भरिए
(क) 1956 में..........की प्रथम पंचवर्षीय योजना शुरू की गई थी। (पाकिस्तान / चीन)
(ख) मातृमृत्यु दर .......... में अधिक है | ( चीन / पकिस्तान)
(ग) निर्धनता रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का अनुपात ...... में अधिक है| (भारत/पाकिस्तान)
(घ) में आर्थिक सुधार 1978 में शुरू किए गए थे। चीन पाकिस्तान)
उत्तर
(क) 1956 में पकिस्तान की प्रथम पंचवर्षीय योजना शुरू की गई थी।
(ख) मातृमृत्यु दर पकिस्तान में अधिक है।
(ग) निर्धनता रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का अनुपात भारत में अधिक है।
(घ) 1978 में आर्थिक सुधार 1978 में शुरू किए गए थे।