4.पूर्ण प्रतिस्पद्र्धा की स्थिति में फार्म का सिद्धान्त
🔰बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
1. किसी फर्म के निर्गत (Output) और आगत (Input) के बीच के सम्बन्धों को ............... कहते है।
(a) उपभोग
(b) निवेश
(c) उत्पादन फलन
(d) कोई नहीं
2. पूर्ति की माँग और कीमत में कौन सा सम्बन्ध होता है ?
(a) धनात्मक सम्बन्ध
(b) ऋणात्मक सम्बन्ध
(c) अपर्युक्त दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
3. वस्तू की पूर्ति किससे प्रभावित होती है ?
(a) कीमत से
(b) श्रम से
(c) माँग से
(d) रंग-रूप से
4. किसी वस्तु की कीमत उस बिन्दु पर निर्धारित होती है जहाँ पर
(a) वस्तु की माँग उसकी पूर्ति से कम होती है
(b) वस्तु की माँग उसकी पूर्ति से अधिक होती है
(c) वस्तु की माँग उसकी पूर्ति से बराबर होती है
(d) अपर्युक्त सभी।
5. समय की दृष्टि से बाजार का वर्गीकरण हैं ?
(a) अति अल्पकालीन बाजार
(b) अल्पकालीन बाजार
(c) दीर्धकालीन बाजार
(d) अपर्युक्त सभी।
6. क्रेताओं व विक्रेताओं की संख्या अधिक होना, बाज़ार का पूर्ण ज्ञान होना, वस्तुओं की समरूप होना, साधनों का गतिशील होना आदि कौन से बाज़ार की विशेषताएँ है ?
(a) अल्पधिकार
(b) एकाधिकार
(c) अपूर्ण प्रतियोगिता
(d) पूर्ण प्रतियोगिता
7. किस बाजार में औसत आगत एवं सीमान्त आगम बराबर होता है?
(a) एकाधिकार बाजार
(b) पूर्ण प्रतियोगिता बाजार
(c) अपूर्ण प्रतियोगिता
(d) बाजार उपर्युक्त में से काई नहीं।
8. किस बाजार में फर्म कीमत प्राप्तकर्त्ता होती है?
(a) एकाधिकार बाजार
(b) पूर्ण प्रतियोगिता बाजार
(c) अपूर्ण प्रतियोगिता
(d) बाजार उपर्युक्त में से काई नहीं।
9. पूर्ति के नियम के अनुसार, S = f (………..)
(a) P
(b) MS
(c) D
(d) उपर्युक्त में से काई नहीं।
10.किसी वस्तु की बिक्री करने से एक फर्म को जो कुल राशि प्राप्त हो, उसे क्या कहते हैं ?
(a) सीमान्त आगम
(b) आगम औसत
(c) आगम
(d) कुल आगम
11. पूर्ति वक्र अपने दायें नीचे की ओर कब खिसकता है ?
(a) जब पूर्ति की मांग में वृद्धि होती है
(b) जब पूर्ति की मात्रा में कमी होती है
(c) जब पूर्ति की मात्रा अनिश्चित होती है
(d) उपरोक्त सभी
12. पूर्ति लोच को प्रभावित करनेवाले घटक कौन से हैं ?
(a) वस्तु की प्रकृति
(b) उत्पादन लागत
(c) उत्पादन की तकनीक
(d) उपरोक्त सभी
13. बाजार में संतुलन किस बिन्दु पर होता है ?
(a) जहाँ माँग अधिक हो
(b) जहाँ पूर्ति अधिक हो
(c) जहाँ माँग और पूर्ति बराबर हो
(d) इनमें से कोई नहीं
(a) उपभोग
(b) निवेश
(c) उत्पादन फलन
(d) कोई नहीं
2. पूर्ति की माँग और कीमत में कौन सा सम्बन्ध होता है ?
(a) धनात्मक सम्बन्ध
(b) ऋणात्मक सम्बन्ध
(c) अपर्युक्त दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
3. वस्तू की पूर्ति किससे प्रभावित होती है ?
(a) कीमत से
(b) श्रम से
(c) माँग से
(d) रंग-रूप से
4. किसी वस्तु की कीमत उस बिन्दु पर निर्धारित होती है जहाँ पर
(a) वस्तु की माँग उसकी पूर्ति से कम होती है
(b) वस्तु की माँग उसकी पूर्ति से अधिक होती है
(c) वस्तु की माँग उसकी पूर्ति से बराबर होती है
(d) अपर्युक्त सभी।
5. समय की दृष्टि से बाजार का वर्गीकरण हैं ?
(a) अति अल्पकालीन बाजार
(b) अल्पकालीन बाजार
(c) दीर्धकालीन बाजार
(d) अपर्युक्त सभी।
6. क्रेताओं व विक्रेताओं की संख्या अधिक होना, बाज़ार का पूर्ण ज्ञान होना, वस्तुओं की समरूप होना, साधनों का गतिशील होना आदि कौन से बाज़ार की विशेषताएँ है ?
(a) अल्पधिकार
(b) एकाधिकार
(c) अपूर्ण प्रतियोगिता
(d) पूर्ण प्रतियोगिता
7. किस बाजार में औसत आगत एवं सीमान्त आगम बराबर होता है?
(a) एकाधिकार बाजार
(b) पूर्ण प्रतियोगिता बाजार
(c) अपूर्ण प्रतियोगिता
(d) बाजार उपर्युक्त में से काई नहीं।
8. किस बाजार में फर्म कीमत प्राप्तकर्त्ता होती है?
(a) एकाधिकार बाजार
(b) पूर्ण प्रतियोगिता बाजार
(c) अपूर्ण प्रतियोगिता
(d) बाजार उपर्युक्त में से काई नहीं।
9. पूर्ति के नियम के अनुसार, S = f (………..)
(a) P
(b) MS
(c) D
(d) उपर्युक्त में से काई नहीं।
10.किसी वस्तु की बिक्री करने से एक फर्म को जो कुल राशि प्राप्त हो, उसे क्या कहते हैं ?
(a) सीमान्त आगम
(b) आगम औसत
(c) आगम
(d) कुल आगम
11. पूर्ति वक्र अपने दायें नीचे की ओर कब खिसकता है ?
(a) जब पूर्ति की मांग में वृद्धि होती है
(b) जब पूर्ति की मात्रा में कमी होती है
(c) जब पूर्ति की मात्रा अनिश्चित होती है
(d) उपरोक्त सभी
12. पूर्ति लोच को प्रभावित करनेवाले घटक कौन से हैं ?
(a) वस्तु की प्रकृति
(b) उत्पादन लागत
(c) उत्पादन की तकनीक
(d) उपरोक्त सभी
13. बाजार में संतुलन किस बिन्दु पर होता है ?
(a) जहाँ माँग अधिक हो
(b) जहाँ पूर्ति अधिक हो
(c) जहाँ माँग और पूर्ति बराबर हो
(d) इनमें से कोई नहीं
🔰निशिचत तथा अति लधु प्रश्नोत्तर
प्र01. सप्प्राप्ति अथव आगम किसे कहते है ?
उ0 किसी वस्तु की बिक्री करने से एक फर्म को जो कुल राशि प्राप्त होती है, उसे उस फर्म की सम्प्राप्ति अथव आगम कहते है।
प्र02. पूर्ति से क्या अभिप्राय है ?
उ0 किसी वस्तु की पूर्ति से आशय वस्तु की उस मात्रा से है जिसे विक्रेता एक निश्चित समय में तथा एक निश्चित कीमत पर बाजार में बेचने को तैयार है।
प्र03. पूर्ति और स्टाॅक में क्या अन्तर हैं ?
उ0 किसी वस्तु का स्टाॅक वस्तु की कुल मात्रा को बताता है जो कि किसी समय-विशेष पर बाजार में उपलब्ध है जबकि पूर्ति स्टाॅक का वह भाग है जो विक्रेता एक निश्चित समय में एक निश्चित कीमत पर बेचने को तैयार है।
प्र04. संयुक्त पूर्ति किसे कहते है ?
उ0 जब एक वस्तु की उत्पादन प्रक्रिया में दूसरी वस्तु या वस्तुएँ स्वतः ही उत्पन्न हो जाएँ तो उन वस्तुओं की पूर्ति को संयुक्त पूर्ति कहा जाता है। जैसे-गेहूँ तथा भूसा आदि।
प्र05. मिश्रित पूर्ति किसे कहते है ?
उ0 जब एक आवश्यकता की पूर्ति अनेक वस्तुओं द्वारा की जा सकती है तो ऐसी वस्तुएँ मिश्रित पूर्ति वाली वस्तुएँ कहलाती है। जैेसे-सड़कें एवं रेल यातायात ।
प्र06.अल्पाधिकार क्या है ?
उ0अल्पाधिकार बाजार की वह स्थिति है जिसमें वस्तु विशेष के विक्रेताओं की संख्या थोड़ी होती है और प्रत्येक विक्रेता ना केवल अपने व्यवहार से दूसरी फर्मों की कार्यवाही को प्रभावित करता है
प्र07. किस बाजार में फार्म कीमत प्राप्त करता होती है ?
उ0 पूर्ण प्रतियोगिता बाजार में फार्म कीमत प्राप्तकर्ता होती है
प्र08.पूर्ण प्रतियोगिता मैं फार्म कब तक उत्पादन जारी रखती है ?
उ0पूर्ण प्रतियोगिता में फार्म तब तक उत्पादन जारी रखती हैं जब तक उसे औसत परिवर्तनशील लागत (AVC)प्राप्त होती रहती है
उ0 किसी वस्तु की बिक्री करने से एक फर्म को जो कुल राशि प्राप्त होती है, उसे उस फर्म की सम्प्राप्ति अथव आगम कहते है।
प्र02. पूर्ति से क्या अभिप्राय है ?
उ0 किसी वस्तु की पूर्ति से आशय वस्तु की उस मात्रा से है जिसे विक्रेता एक निश्चित समय में तथा एक निश्चित कीमत पर बाजार में बेचने को तैयार है।
प्र03. पूर्ति और स्टाॅक में क्या अन्तर हैं ?
उ0 किसी वस्तु का स्टाॅक वस्तु की कुल मात्रा को बताता है जो कि किसी समय-विशेष पर बाजार में उपलब्ध है जबकि पूर्ति स्टाॅक का वह भाग है जो विक्रेता एक निश्चित समय में एक निश्चित कीमत पर बेचने को तैयार है।
प्र04. संयुक्त पूर्ति किसे कहते है ?
उ0 जब एक वस्तु की उत्पादन प्रक्रिया में दूसरी वस्तु या वस्तुएँ स्वतः ही उत्पन्न हो जाएँ तो उन वस्तुओं की पूर्ति को संयुक्त पूर्ति कहा जाता है। जैसे-गेहूँ तथा भूसा आदि।
प्र05. मिश्रित पूर्ति किसे कहते है ?
उ0 जब एक आवश्यकता की पूर्ति अनेक वस्तुओं द्वारा की जा सकती है तो ऐसी वस्तुएँ मिश्रित पूर्ति वाली वस्तुएँ कहलाती है। जैेसे-सड़कें एवं रेल यातायात ।
प्र06.अल्पाधिकार क्या है ?
उ0अल्पाधिकार बाजार की वह स्थिति है जिसमें वस्तु विशेष के विक्रेताओं की संख्या थोड़ी होती है और प्रत्येक विक्रेता ना केवल अपने व्यवहार से दूसरी फर्मों की कार्यवाही को प्रभावित करता है
प्र07. किस बाजार में फार्म कीमत प्राप्त करता होती है ?
उ0 पूर्ण प्रतियोगिता बाजार में फार्म कीमत प्राप्तकर्ता होती है
प्र08.पूर्ण प्रतियोगिता मैं फार्म कब तक उत्पादन जारी रखती है ?
उ0पूर्ण प्रतियोगिता में फार्म तब तक उत्पादन जारी रखती हैं जब तक उसे औसत परिवर्तनशील लागत (AVC)प्राप्त होती रहती है
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प्र0 1. पूर्ति का नियम क्या है।
अर्थ - अन्य बातों के समान रहते हुए किसी सेवा या वस्तु की कीमत में वृद्वि होने पर उसकी पूर्ति में भी वृद्वि होती है तथा कीमत में कमी होने पर उसकी पूर्ति में भी कमी होती है। अतः पूर्ति का कीमत से सीधा सम्बन्ध होता है। पूर्ति का नियम कीमत तथा बेची जाने वाली मात्रा के बीच सीधे सम्बन्ध को बताता है। इसलिए जब पूर्ति के नियम को पूर्ति रेखा द्वारा व्यक्त करते है तो पूर्ति रेखा दाएँ को ऊपर की और चढ़ती हुई होती है। ऐसा निम्न कारणों से होता है। 1. वस्तुओं की कीमत में वृद्वि होने से विक्रेताओं को लाभ होता है जिससे वे पूर्ति की मात्रा को बढ़ाते है। 2. कीमत में कमी होने से विक्रेताओं को हानि होने लगती है जिससे वे वस्तुओं की पूर्ति को कम कर देते है। |
प्र02 पूर्ति को प्रभावित करने वाले तत्व कौन से है ?
1. वस्तु की कीमत - यदि वस्तु की कीमत बढ़ जाती है तो उसकी पूर्ति बढ़ जाएगी और वस्तु की कीमत कम होने पर पूर्ति धट जाएगी।
2. उत्पादकों की रूचि - यदि उत्पादक एक वस्तु की उपेक्षा दूसरी वस्तु का उत्पादन करना अधिक पसन्द करते हैं तो इससे दूसरी वस्तु की पूर्ति अधिक होगी।
3. करारोपण नीति - जब सरकार किसी वस्तु पर अधिक लगाती है तो वह वस्तु महँगी हो जाती है। फलस्वरूप उसकी पूर्ति भी कम हो जाती है।
4. तकनीकी ज्ञान - तकनीकी ज्ञान के अधिक प्रयोग करने से वस्तुओं के उत्पादन लागत में कमी आती और उसकी पूर्ति बढ़ जाती है।
5. परिवहन व संचार के साधन - परिवहन व संचार के विकसित तथा सस्ते साधनों के उपलब्ध होने से वस्तुओं की पूर्ति बढ़ जायेगी।
6. उत्पादन के साधनों की कीमत - यदि उत्पादन के साधनों की कीमत बढ़ जाती है तो उत्पादन लागत बढ़ जायेगी और वस्तुओं की पूर्ति कम होगी तथा साधनों की कीमत कम हाने पर वस्तुओं की पूर्ति बढ़ जायेगी।
प्र0 3. पूर्ति की लोच क्या होती है ? पूर्ति की लोच की कितनी श्रेणियाॅ होती है ?
प्ररिभाष - "पूर्ति की लोच कीमत में थोड़े-से परिवर्तन के उत्तर में पूर्ति में होने वाले परिवर्तन की माप है।श् यह कीमत में परिवर्तन के कारण पूर्ति में आनुपातिक परिवर्तन की कीमत में अनुपातिक परिवर्तन से भाग देने से प्राप्त होती है।"
1. वस्तु की कीमत - यदि वस्तु की कीमत बढ़ जाती है तो उसकी पूर्ति बढ़ जाएगी और वस्तु की कीमत कम होने पर पूर्ति धट जाएगी।
2. उत्पादकों की रूचि - यदि उत्पादक एक वस्तु की उपेक्षा दूसरी वस्तु का उत्पादन करना अधिक पसन्द करते हैं तो इससे दूसरी वस्तु की पूर्ति अधिक होगी।
3. करारोपण नीति - जब सरकार किसी वस्तु पर अधिक लगाती है तो वह वस्तु महँगी हो जाती है। फलस्वरूप उसकी पूर्ति भी कम हो जाती है।
4. तकनीकी ज्ञान - तकनीकी ज्ञान के अधिक प्रयोग करने से वस्तुओं के उत्पादन लागत में कमी आती और उसकी पूर्ति बढ़ जाती है।
5. परिवहन व संचार के साधन - परिवहन व संचार के विकसित तथा सस्ते साधनों के उपलब्ध होने से वस्तुओं की पूर्ति बढ़ जायेगी।
6. उत्पादन के साधनों की कीमत - यदि उत्पादन के साधनों की कीमत बढ़ जाती है तो उत्पादन लागत बढ़ जायेगी और वस्तुओं की पूर्ति कम होगी तथा साधनों की कीमत कम हाने पर वस्तुओं की पूर्ति बढ़ जायेगी।
प्र0 3. पूर्ति की लोच क्या होती है ? पूर्ति की लोच की कितनी श्रेणियाॅ होती है ?
प्ररिभाष - "पूर्ति की लोच कीमत में थोड़े-से परिवर्तन के उत्तर में पूर्ति में होने वाले परिवर्तन की माप है।श् यह कीमत में परिवर्तन के कारण पूर्ति में आनुपातिक परिवर्तन की कीमत में अनुपातिक परिवर्तन से भाग देने से प्राप्त होती है।"
प्र0 4. पूर्ति की लोच को परिभाषित कीजिए। इसे मापने की विधियाँ बताइए।
"पूर्ति की लोच कीमत में थोड़े-से परिवर्तन के उत्तर में पूर्ति में होने वाले परिवर्तन की माप है।श् यह कीमत में परिवर्तन के कारण पूर्ति में आनुपातिक परिवर्तन की कीमत में अनुपातिक परिवर्तन से भाग देने से प्राप्त होती है।"
सूत्र - es= पूर्ति में आनुपातिक परिवर्तन झ् कीमत में आनुपतिक परिवर्तन
पूर्ति की लोच मापने की विधियाँ -
1. आनुपातिक या प्रतिशत रीति,
2. बिन्दु रीति।
प्र05 एक पूर्ण प्रतिस्पद्र्धी बाजार की क्या विशेषताएँ हैं ?
पूर्ण प्रतिस्पद्र्धी बाजार की विशेषताएँ -
1. क्रेताओं और विक्रेताओं की संख्या बहुत अधिक होती है।
2. कोई भी क्रेता अथवा विक्रेता अकेले वस्तु की कीमत को प्रभावित नहीं कर सकता है।
3. क्रेताओं और विक्रेताओं को बाजार का पूर्ण ज्ञान होता है।
4. वस्तु की सभी इकाइयाँ समरूप होती है। रंग, रूप, गण आदि में कोई अन्तर नहीं होता है।
5. गैर कीमत प्रतियोगिता नहीं होती।
6. फर्मों को उद्योग में प्रवेश तथा बाहर जाने की पूर्ण स्वतन्त्रता होती है।
7. उत्पादन के साधन पूर्ण गतिशील होते है।
8. बाजार में किसी भी प्रकार के संस्थागत प्रतिबन्ध नहीं होते है।
प्र06 पूर्ति क्या है प्रौद्योगिकी प्रगति इसे कैसे प्रभावित करती है?
किसी वस्तु की पूर्ति का अर्थ वस्तु की मात्रा से है जिसे विक्रेता एक निश्चित समय में तथा एक निश्चित कीमत पर बाजार में बेचने को तैयार है। प्रौद्योगिकी का अर्थ है फर्म द्वारा अधिक कुशलता के साथ श्रम व पूँजी का अच्छा प्रयोग, जिससे उत्पादन अधिक मात्रा में होता है और लागत कम आती है।
प्र07 पूर्ति में वृद्धि के कारणों को स्पष्ट कीजिए अथवा किसी वस्तु की पूर्ति में वृद्धि के कोई तीन कारण बताइए ?
पूर्ति में वृद्धि के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
प्र08 अल्पाधिकार बाजार क्या है ? इसकी प्रमुख विशेषता बताइए ?
अल्पाधिकार बाजार अपूर्ण प्रतियोगिता की ही एक किस्म है जिसमें वस्तु विशेष के विक्रेताओं की संख्या थोड़ा अधिक होती है और प्रत्येक विक्रेता अपने व्यवहार से दूसरी फर्मों की कार्रवाई को प्रभावित करता है
अल्पाधिकार की विशेषताएं इस प्रकार है -
"पूर्ति की लोच कीमत में थोड़े-से परिवर्तन के उत्तर में पूर्ति में होने वाले परिवर्तन की माप है।श् यह कीमत में परिवर्तन के कारण पूर्ति में आनुपातिक परिवर्तन की कीमत में अनुपातिक परिवर्तन से भाग देने से प्राप्त होती है।"
सूत्र - es= पूर्ति में आनुपातिक परिवर्तन झ् कीमत में आनुपतिक परिवर्तन
पूर्ति की लोच मापने की विधियाँ -
1. आनुपातिक या प्रतिशत रीति,
2. बिन्दु रीति।
प्र05 एक पूर्ण प्रतिस्पद्र्धी बाजार की क्या विशेषताएँ हैं ?
पूर्ण प्रतिस्पद्र्धी बाजार की विशेषताएँ -
1. क्रेताओं और विक्रेताओं की संख्या बहुत अधिक होती है।
2. कोई भी क्रेता अथवा विक्रेता अकेले वस्तु की कीमत को प्रभावित नहीं कर सकता है।
3. क्रेताओं और विक्रेताओं को बाजार का पूर्ण ज्ञान होता है।
4. वस्तु की सभी इकाइयाँ समरूप होती है। रंग, रूप, गण आदि में कोई अन्तर नहीं होता है।
5. गैर कीमत प्रतियोगिता नहीं होती।
6. फर्मों को उद्योग में प्रवेश तथा बाहर जाने की पूर्ण स्वतन्त्रता होती है।
7. उत्पादन के साधन पूर्ण गतिशील होते है।
8. बाजार में किसी भी प्रकार के संस्थागत प्रतिबन्ध नहीं होते है।
प्र06 पूर्ति क्या है प्रौद्योगिकी प्रगति इसे कैसे प्रभावित करती है?
किसी वस्तु की पूर्ति का अर्थ वस्तु की मात्रा से है जिसे विक्रेता एक निश्चित समय में तथा एक निश्चित कीमत पर बाजार में बेचने को तैयार है। प्रौद्योगिकी का अर्थ है फर्म द्वारा अधिक कुशलता के साथ श्रम व पूँजी का अच्छा प्रयोग, जिससे उत्पादन अधिक मात्रा में होता है और लागत कम आती है।
प्र07 पूर्ति में वृद्धि के कारणों को स्पष्ट कीजिए अथवा किसी वस्तु की पूर्ति में वृद्धि के कोई तीन कारण बताइए ?
पूर्ति में वृद्धि के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
- उत्पादन प्रौद्योगिकी में सुधार
- नव परिवर्तन एवं अनुसंधान
- उत्पादन के साधनों का उचित उपयोग
- फर्मों उत्पादों की संख्या में वृद्धि
- उचित राजकोषीय नीति
- उदार औद्योगिक नीति
- करो में छूट
- सरकार द्वारा स्वीकृत उत्पादन पर अनुदान में वृद्धि
- भविष्य में कीमत कम होने की संभावना
प्र08 अल्पाधिकार बाजार क्या है ? इसकी प्रमुख विशेषता बताइए ?
अल्पाधिकार बाजार अपूर्ण प्रतियोगिता की ही एक किस्म है जिसमें वस्तु विशेष के विक्रेताओं की संख्या थोड़ा अधिक होती है और प्रत्येक विक्रेता अपने व्यवहार से दूसरी फर्मों की कार्रवाई को प्रभावित करता है
अल्पाधिकार की विशेषताएं इस प्रकार है -
- विक्रेताओं की संख्या पूर्ण प्रतियोगिता की तुलना में कम होती है।
- प्रमापित या भेदित वस्तुओं का उत्पादन इसमें विक्रेता अधिकतर अलग-अलग प्रकार की वस्तुओं का निर्माण करते हैं,
- फर्मों का प्रवेश वह बहिर्गमन कठिन होता है परंतु एकाधिकार की भांति असंभव नहीं होता
- विज्ञापन का प्रयोग वस्तुओं की बिक्री बढ़ाने के लिए किया जाता है।
प्र09 पूर्ण प्रतियोगिता एवं एकाधिकार प्रतियोगिता की दिशा में एक फार्म की औसत आगम तथा सीमांत आगम रेखाओं को प्रदर्शित कीजिए ?
पूर्ण प्रतियोगिता में कोई भी फार्म अकेले कीमत को प्रभावित नहीं कर सकती है तथा प्रत्येक फर्म को अपनी वस्तुएं निश्चित प्रचलित कीमतों पर ही बेचनी होती हैं इस प्रकार फर्म की दृष्टि से कीमत स्थिर होती है तथा इस कीमत पर वस्तु की कोई भी मात्रा बेची जा सकती है कीमत स्थिर होने पर औसत आय तथा सीमांत आए दोनों स्थिर होंगी यह दोनों वक्र एक्स एक्स के समांतर एक सीधी रेखा के सामान होंगे जिसमें औसत तथा सीमांत आए कीमत के बराबर बनी रहेगी। |
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प्र0 10 - कुल आगम, सीमान्त आगम और औसत आगम के सम्बन्ध को तालिका एवं रेखाचित्र की सहायता से स्पष्ट कीजिए अथवा कुल आगम, सीमान्त आगम और औसत आगम के परस्पर सम्बन्धों को बताइए ?
उ0 - वस्तु के विक्रय से जो मूल्य प्राप्त होता है वही विक्रेता की आय होती है जिसे आगम कहते है। किसी भी विक्रेता का मुख्य उदद्ेश्य अधिक से अधिक लाभ कमाना होता है।
आगम का वर्गीकरण
कुल आय - वस्तु की एक निशिचत मात्रा को बेचकर किसी विक्रेता को जो कुल आय होती है उसे कुल आगम कहते है।
कुल आगम = कीमत x वस्तु की विक्रय की गई इकाइया
उदाहरण - माना कि किसी विक्रेता ने वस्तु की 5 इकाइयॉ बेचकर 25 रूपये प्राप्त किए तो कुल आय 25 रूपये होगी।
हल
कुल आय = 5 रू प्रति इकाई x 5
कुल आय = 25
औसत आय - कुल आय को वस्तु की विक्रय की गई इकाइयों की संख्या से भाग देने से औसत आय प्राप्त होती है।
औसत आय = कुल आय/ वस्तु की विक्रय की गई इकाइयाँ
उदाहरण - माना कि किसी 5 इकाइयाँ को बेचने से 25 रूपये प्राप्त होते है तो औैसत आय 5 रूपये होगी।
औसत आय = कुल आय/ वस्तु की विक्रय की गई इकाइयाँ
हल
औसत आय = 25/5
औसत आय = 5
सीमान्त आय - किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई के विक्रय से कुल आय में जो वृद्वि होती है, वही सीमान्त आय या आगम कहलाती है।
उ0 - वस्तु के विक्रय से जो मूल्य प्राप्त होता है वही विक्रेता की आय होती है जिसे आगम कहते है। किसी भी विक्रेता का मुख्य उदद्ेश्य अधिक से अधिक लाभ कमाना होता है।
आगम का वर्गीकरण
कुल आय - वस्तु की एक निशिचत मात्रा को बेचकर किसी विक्रेता को जो कुल आय होती है उसे कुल आगम कहते है।
कुल आगम = कीमत x वस्तु की विक्रय की गई इकाइया
उदाहरण - माना कि किसी विक्रेता ने वस्तु की 5 इकाइयॉ बेचकर 25 रूपये प्राप्त किए तो कुल आय 25 रूपये होगी।
हल
कुल आय = 5 रू प्रति इकाई x 5
कुल आय = 25
औसत आय - कुल आय को वस्तु की विक्रय की गई इकाइयों की संख्या से भाग देने से औसत आय प्राप्त होती है।
औसत आय = कुल आय/ वस्तु की विक्रय की गई इकाइयाँ
उदाहरण - माना कि किसी 5 इकाइयाँ को बेचने से 25 रूपये प्राप्त होते है तो औैसत आय 5 रूपये होगी।
औसत आय = कुल आय/ वस्तु की विक्रय की गई इकाइयाँ
हल
औसत आय = 25/5
औसत आय = 5
सीमान्त आय - किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई के विक्रय से कुल आय में जो वृद्वि होती है, वही सीमान्त आय या आगम कहलाती है।
उदाहरण - यदि 5 वस्तुओ के विक्रय से 25 रूपय प्राप्त होते है और 6 वस्तुओं के विंक्रय से 29 रूपये प्राप्त होते है। तो सीमान्त आय या आगम 29-25 = 4 रूपये होगी।
हल
सीमान्त आय = 25 - 29
सीमान्त आय = 5
हल
सीमान्त आय = 25 - 29
सीमान्त आय = 5
कुल आय, औसत आय और सीमान्त आय वक्र का संबध
विशलेषण - तालिका से स्पष्ट है कि जब औसत तथा सीमान्त आय गिरता है तो औसत आय की तुलना से सीमान्त आय अधिक तेजी से गिरती है। कुल आय में निरन्तर वृद्वि होती है, परन्तु धटती हुई दर से।
विशलेषण - तालिका से स्पष्ट है कि जब औसत तथा सीमान्त आय गिरता है तो औसत आय की तुलना से सीमान्त आय अधिक तेजी से गिरती है। कुल आय में निरन्तर वृद्वि होती है, परन्तु धटती हुई दर से।
ASSESSMENT (рдореВрд▓реНрдпрд╛рдВрдХрди)ред
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